
मेरठ 3 मार्च 2025: प्रयागराज के दिव्य महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं का सपना साकार कराकर मेरठ लौटे राष्ट्रीय परशुराम परिषद के संस्थापक अध्यक्ष नि. राज्यमंत्री पं. सुनील भराला और परशुराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय भराला व उनकी टीम का रविवार को सर्किट हाउस में जोरदार स्वागत किया गया। यहां उन्होंने मीडियाकर्मियों और अन्य लोगों को भगवान श्री परशुराम जी की 108 मूर्तियों व परशुराम चालीस का वितरण किया। महाकुंभ के सफल आयोजन और चाक-चौबंद व्यवस्थाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी। साथ ही महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर सरकार को बदनाम करने की साजिश रचने पर विपक्ष की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में दुनिया की आधी आबादी से अधिक सनातनियों ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई है, इससे विपक्षी दल बौखला गए हैं।
राष्ट्रीय परशुराम परिषद, परशुराम स्वाभिमान सेना और परशुराम महिला शक्ति वाहिनी ने प्रयागराज महाकुंभ में महाशिविर लगाकर लाखों श्रद्धालुओं की सेवा की। महाशिविर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं को भोजन और ठहरने की सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध करायी गईं। देश-विदेश के महान संतों, राजनीतिज्ञों और लाखों श्रद्धालुओं ने महाशिविर में शामिल होकर पुण्य लाभ कमाया। हर रोज यहां कथा और महायज्ञ के बीच भगवान परशुराम जी के जीवन चरित्र पर गहन चर्चा हुई। श्रद्धालुओं को उनके बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। यह महाशिविर श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना रहा। रविवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में राष्ट्रीय परशुराम परिषद के संस्थापक, राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नि. राज्यमंत्री पं. सुनील भराला ने कहा कि महाकुंभ में पहली बार राष्ट्रीय परशुराम परिषद ने इतना विशाल एवं भव्य महाशिविर लगाया, जिसमें देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु शामिल हुए। वेस्ट यूपी और विशेष रूप से मेरठ के अनेक श्रद्धालुओं ने भी शिविर में शामिल होकर तमाम सुविधाओं का लाभ उठाया। मेरठ से लगातार ट्रेन, बसों और निजी वाहनों से श्रद्धालुओं को महाकुंभ में ले जाया गया। महाशिविर में भोजन और ठहरने की व्यवस्था तो निशुल्क रही ही, मेरठ के उन श्रद्धालुओं को लाने-ले जाने की व्यवस्था भी निशुल्क उपलब्ध करायी गई जो महाकुंभ में जाना तो चाहते थे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। 13 जनवरी 2025 से शुरू हुआ महाशिविर 27 फरवरी 2025 तक चला। शिविर में सनातन हिंदुओं और ब्राह्मण समाज के लिए लगातार भंडारा चला। यहां भगवान श्री परशुराम जी की 1,08,000 (एक लाख आठ हज़ार) दिव्य मूर्तियों का वितरण किया गया। उच्च स्तर पर तीर्थयात्रियों के ठहरने, कथा सुनने, हवन, यज्ञ, स्नान और पूजन आदि की नि:शुल्क व्यवस्था की गई। यहां भगवान श्री परशुराम जी की 51 फुट ऊँची प्रतिमा भी स्थापित की गई। करोड़ों श्रद्धालुओं ने इस प्रतिमा के दर्शन किये। भगवान परशुराम जी के जीवन पर आधारित गैलरी बनायी गई। दिन प्रतिदिन यहां राजनीतिक, आर्थिक, सामजिक एवं धार्मिक विषयों पर मंथन चला। कथा पंडाल में प्रतिदिन चार कथा वाचकों द्वारा श्री परशुराम कथा की गई। जिसमे मुख्य रूप से आचार्य मुकेश आनंद महराज, आचार्य रविशंकर शृंगी महराज, अतुल कृष्ण भारद्वाज, दिलीप कृष्ण भारद्वाज, विशाल भारद्वाज, आचार्य राजपुरोहित ने कथा रूपी अमृत वर्षा की| सनिध्य एवं आशीर्वाद के रूप मे द्वारिका पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महराज, काशी सुमेरु जगदगुरु शंकराचार्य नरेन्द्रनन्द सरस्वती, श्री श्री रविशंकर जी महराज, सुधांशु जी महाराज सहित पूज्य संतों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। सेवादारों के रूम मे लगभग 148 कर्मचारियों द्वारा कार्य किया गया।
पं. सुनील भराला ने बताया कि राष्ट्रीय परशुराम परिषद का उद्देश्य है कि हर सनातन हिन्दू के घर में अन्य देवी-देवताओं के साथ भगवान श्री परशुराम जी की मूर्ति भी स्थापित हो। राष्ट्रीय परशुराम परिषद की राष्ट्रीय शोध पीठ ने भगवान श्री परशुराम जी के जन्मस्थान जनापाव इंदौर से जुड़े 56 स्थानों की खोज की है। शिविर में उनकी गैलरी बनाकर प्रदर्शनी के माध्यम से संपूर्ण जानकारी लोगों तक पहुंचाई गई। उन 21 युद्धभूमि स्थानों की जानकारी भी दी गई, जहां भगवान श्री परशुराम जी ने आतताइयों का वध करके साधू-संतों एवं गरीब पीड़ितों को न्याय दिलाने का कार्य किया था। महाकुम्भ में आने-जाने वाले मार्गों पर भी भगवान परशुराम की बाल्यकाल, युद्धकाल व तपस्याकाल की सचित्र गैलरी बनायी गई। उन्होंने बताया कि सनातन हिन्दुओं में भगवान परशुराम की जानकारी का आभाव है, जैसे भगवान श्री परशुराम ने 21 बार क्षत्रियों का विनाश नहीं किया था, उन्होंने 21 आततायी राक्षस राजाओं का वध किया था। इसके अलावा जो भी भ्रामक जानकारियां हैं, उन्हें पूरी तरह से शुद्ध करने का कार्य राष्ट्रीय परशुराम परिषद कर रहा है। महाशिविर में बने सप्त ऋषि पंडाल में भारद्वाज ऋषि, गौतमऋषि, जमदग्नि ऋषि, कौशिक ऋषि, वशिष्ठ ऋषि आदि ऋषियों की जीवनी का भी उल्लेख किया गया। पहली बार भगवान श्री परशुराम चालीसा एवं आरती का प्रसारण किया गया। पहली बार ही भगवान परशुराम की कथा का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमे पूज्य कथावाचकों ने भगवान श्री परशुराम के जीवन चरित्र पर अपनी मधुर वाणी से अमृत वर्षा की।
इस मौके पर अजय भराला, ई. केके वर्मा, अनुराग शर्मा, सीमा माहेश्वरी, मनोज शर्मा, अरविंद अरोड़ा, मयंक अरोड़ा, राजकुमार कौशिक, सुनील दत्त शर्मा, हितेष गुप्ता, राजकुमार सैनी, रमेश प्रजापति, चौ. हरिराज सिंह, सतेंद्र शर्मा, अतुल गुप्ता, विजय पटेल, नितिन रस्तोगी, सचिन कुमार आदि मौजूद रहे।
करोड़ों श्रद्धालुओं ने शामिल होकर बनाया रिकॉर्ड
राष्ट्रीय परशुराम परिषद के अध्यक्ष पं. सुनील भराला ने बताया कि आठ दिसंबर 2024 को भूमि पूजन के उपरांत यहां दो लाख स्क्वायर फीट में महाशिविर की स्थापना की गयी थी। परशुराम धाम, ऋषि जमदग्नि धाम, मां रेणुका धाम एवं सप्तऋषि धाम के रूप में शिविर की स्थापना की गई| महाशिविर में 1800 लोगों के विश्राम व्यवस्था के साथ 90 कक्ष बनाए गए, इन सभी कक्षों के नाम ऋषियों एवं महापुरुषों के नाम पर रखे गए। प्रत्येक कक्ष में उनके सामने उनका नाम अंकित किया गया| समस्त प्रदेशों के कैंप कार्यालय हेतु केन्द्रीय कार्यालय भी बनाया गया, जिसमें स्वागत कक्ष, अतिथि कक्ष, मीडिया कक्ष और वार रूम (बैठक कक्ष), दो प्रसादम निर्मित किये गए। 125 शौचालय निर्मित किये गये। पंद्रह स्नानागार, पंद्रह मूत्रालय तथा अस्सी कॉटेज में अटैच बाथरूम बनाए गए। दो सुरक्षाकर्मी कक्ष बनाए गए| लगभग 4 करोड़ श्रद्धालुओं ने सेल्फ़ी लेकर रिकार्ड बनाया| महाशिविर में 45 दिनों तक अनवरत श्री परशुराम महायज्ञ चला, जिसमे 1 करोड़ 8 हजार आहुतियाँ हुईं, लगभग 2 दर्जन देशों के श्रद्धालुओं ने अपनी आहुतियाँ देकर श्री परशुराम महायज्ञ का आशीर्वाद प्राप्त किया।
महाशिविर में अनेक संत, राजनीतिज्ञ और कलाकार भी पहुंचे
राष्ट्रीय परशुराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय भराला ने बताया कि परिषद के महाशविर में अंतर्राष्ट्रीय संत श्री श्री रविशंकर जी, श्री रामभद्राचार्य जी, वरिष्ठ महामंडलेश्वर श्री यतींद्रानंद गिरी महाराज जी, महंत श्री बलवीर गिरी जी, श्री रवि शंकर रावत जी, द्वारकाधीश के शंकराचार्य जी, लंदन की सांसद कंट्री इन, फिल्म स्टार कैटरीना कैफ, हीरोइन कोमल ठक्कर जी, लोकसभा अध्यक्ष ओमप्रकाश बिरला जी, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जी, भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व गवर्नर श्री कलराज मिश्र जी, पूर्व डिप्टी सीएम सांसद दिनेश शर्मा जी, गुजरात के सांसद कैबिनेट मंत्री परसोत्तम रूपल जी, सांसद बांसुरी स्वराज जी, रोहण जेटली जी, सिद्धार्थ नाथ सिंह जी, तेलंगाना की भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं जनप्रतिनिधि श्री शैलजाजी मल्लिका जी, सुरेश राणा जी, कपिल देव अग्रवाल जी, सांसद सोमैया वेंकटेश जी, सांसद प्रदीप यादव, सतीश गौतम जी, पूर्व सांसद करना, प्रदीप चौधरी जी, कश्मीर की मंत्री प्रिया शेट्टी, विधायक सरधना संगीत सोम जी, एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज जी, पूर्व विधायक सुंदरलाल वर्मा जी, उत्तर प्रदेश के सांसद, विधायक एवं अनेक राजनीतिज्ञों का आगमन हुआ।
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