लखनऊ, 23 मई 2025: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम पर प्रबंधन की हठवादिता के चलते विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी से अपील की है कि वे इस मामले में प्रभावी हस्तक्षेप कर निजीकरण की प्रक्रिया को निरस्त कराने की कृपा करें। जिला अधिकारियों द्वारा बिजली कर्मी नेताओं की बुलाई गई बैठकों में बिजली कर्मियों ने उन्हें दो टूक बता दिया है कि निजीकरण पर कोई भी बात करनी है तो संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों से की जाए। आज लगातार तीसरे दिन बिजली कर्मियों ने प्रदेश भर में तीन घंटे का विरोध प्रदर्शन जारी रखा।
संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने कहा है कि बिजली कर्मचारी इस भीषण गर्मी में उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ नहीं होने देना चाहते। इसी दृष्टि से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी शांतिपूर्वक ध्यान आकर्षण आंदोलन चला रहे हैं। किंतु प्रबंधन इस ध्यान आकर्षण आंदोलन को हड़ताल बताकर बिजली कर्मियों को डराने, धमकाने, उत्पीड़न करने, ट्रांसफर करने ,संविदा कर्मियों की बड़े पैमाने पर छटनी करने आदि जैसे उत्पीड़नात्मक कदम उठाकर ऊर्जा निगमों में अनावश्यक तौर पर अशांति का वातावरण बना रहा है।
संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मचारियों का माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी पर पूरा विश्वास है। उनके नेतृत्व में बिजली कर्मचारियों ने 2017 में 41% ए टी एंड सी हानियों को घटाकर 2024 तक 16.5% कर दिया है। किंतु निजी घरानों से मिली भगत के चलते पावर कारपोरेशन का प्रबंधन उनके सामने झूठे मनगढ़ंत आंकड़े रखकर घाटे का हवाला देकर निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है और टकराव का वातावरण बना रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी हस्तक्षेप कर निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त कराएं तो बिजली कर्मी और अधिक मनोयोग से सुधार की प्रक्रिया में जुट जाएंगे।
पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा शांतिपूर्वक ध्यानाकर्षण आंदोलन को हड़ताल बताते हुए जिला अधिकारियों को भेजे गए पत्र के बाद जिला अधिकारियों ने विभिन्न जनपदों में बिजली कर्मचारियों के स्थानीय नेताओं को बुलाकर बात की। बिजली कर्मचारियों के स्थानीय नेताओं ने जिला अधिकारियों को स्पष्ट बता दिया है कि वे संघर्ष समिति के निर्णय का पालन करेंगे और निजीकरण के संबंध में यदि कोई भी बात की जानी है तो विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के केंद्रीय नेताओं से की जाए।
संघर्ष समिति के आह्वान पर आज लगातार तीसरे दिन बिजली कर्मियों ने अपराह्न 02 बजे से शाम 05 बजे तक व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। बिजली कर्मियों ने कहा कि वे शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री जी का ध्यानाकर्षण कर रहे हैं किन्तु प्रबंधन उत्पीड़न कर रहा है । इससे उत्पन्न होने वाले टकराव के परिणाम की सारी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन के इशारे पर हजारों बिजली कर्मचारियों को परामर्श के नाम पर धमकी भरे पत्र दिए जा रहे हैं। निजी घरानों की मदद करने हेतु बड़े पैमाने पर संविदा कर्मियों की छटनी की जा रही है। पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन रोज वीडियो कान्फ्रेसिंग कर दमन की भाषा बोल रहे हैं।इन सब बातों से कार्य का वातावरण बिगड़ रहा है।
आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज ,मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर , मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद,हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी, और अनपरा में विरोध सभा हुई।