लखनऊ, 26 मई 2025: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने आज फिर यह कहा कि बिजली कर्मियों की हड़ताल की कोई नोटिस न होते हुए भी पावर कार्पोरेशन प्रबंधन हड़ताल थोपना चाहता है और अनावश्यक तौर पर ऊर्जा निगमों का कार्य का वातावरण बिगाड़ रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन के दौरान लगातार बिजली कर्मियों को निर्देश दिया जा रहा है कि उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ न होने पाए। संघर्ष समिति ने कहा कि अनावश्यक तौर पर पावर कार्पोरेशन प्रबंधन कार्य का वातावरण बिगाड़ रहा है और बड़े पैमाने पर हड़ताल के नाम पर बिजली कर्मचारियों को उत्पीड़नात्मक नोटिस दी जा रही है जबकि हड़ताल की कोई नोटिस ही नहीं है।
संघर्ष समिति ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आए आंधी तूफान के बाद बिजली कर्मियों को निर्देश दिया है कि वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था को तत्काल दुरुस्त करें जिससे उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ न हो। संयुक्त किसान मोर्चा की प्रांतीय समिति ने संघर्ष समिति की आन्दोलन के दौरान उपभोक्ताओं की समस्याएं अटेंड करने की नीति को जनपक्षीय नीति बताते हुए निजीकरण के विरोध चल रहे आंदोलन का समर्थन किया है।
संघर्ष समिति ने कहा है कि निजीकरण विरोधी आंदोलन में बिजली कर्मचारी पॉवर कार्पोरेशन प्रबंधन के साथ असहयोग कर रहे हैं। उपभोक्ताओं को साथ लेकर चल रहे हैं और उपभोक्ताओं की समस्याएं अटेंड की जा रही है।
संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों संजय सिंह चौहान, जितेंद्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडे, महेंद्र राय, पी के दीक्षित, सुहेल आबिद, चंद्रभूषण उपाध्याय, विवेक सिंह, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, वी सी उपाध्याय, जवाहरलाल विश्वकर्मा, मोहम्मद वसीम,श्री चन्द,माया शंकर तिवारी, ए के श्रीवास्तव ,योगेंद्र लाखा, सरजू त्रिवेदी, राम निवास त्यागी, मोहम्मद इलियास, पी एस बाजपेई, आर एस मिश्र, प्रेम नाथ राय, जी पी सिंह, देवेन्द्र पांडेय, आशीष त्रिपाठी, राम सहारे वर्मा, विशंभर सिंह, सुरेन्द्र सिंह,कपिल मुनि ने आज यहां जारी बयान में पुनः कहा कि निजीकरण के विरोध में चल रहे बिजली कर्मियों के शांतिपूर्ण ध्यान आकर्षण आंदोलन के दौरान आम उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ नहीं होने दी जाएगी। अस्पताल, रेलवे, पेयजल जैसी आवश्यक सेवाओं की बिजली आपूर्ति में कोई व्यवधान नहीं होने दिया जाएगा और आम जनता को होने वाले बिजली व्यवधान को अटेंड किया जाएगा। इसी दृष्टि से आज संघर्ष समिति ने एनसीआर में आए भीषण आंधी तूफान से बिजली व्यवस्था में व्यवधान के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों को निर्देश दिया और वे लगातार काम कर के पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे हैं जिससे आम उपभोक्ताओं और किसानों को कोई तकलीफ न होने पाए।
कोसंघर्ष समिति और जूनियर इंजीनियर्स संगठन के पदाधिकारियों की कल देर रात हुई बैठक के बाद बिजली कर्मचारियों ,जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं के नाम जारी संयुक्त अपील में कहा गया है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में संघर्ष समिति और जूनियर इंजीनियर्स संगठन आपसी सामंजस्य बनाकर आंदोलन की रूप रेखा बनाएंगे और आंदोलन के सभी कार्यक्रम साथ मिलकर करेंगे। इस मीटिंग में संघर्ष समिति के सभी घटक संगठनों के केंद्रीय पदाधिकारी, संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे, ऑल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष आर के त्रिवेदी और जूनियर इंजीनियर्स संगठन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार यादव तथा महासचिव बलबीर यादव मुख्यतया सम्मिलित थे। इस निर्णय के बाद आज प्रदेश के समस्त जनपदों, परियोजनाओं और राजधानी लखनऊ में हुई विरोध सभाओं को संघर्ष समिति और जूनियर इंजीनियर्स संगठन के पदाधिकारियों ने एक साथ संबोधित किया।
आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज ,मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, केस्को, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर , मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद,हरदुआगंज, जवाहरपुर, पनकी ,पारीछा, ओबरा, पिपरी, और अनपरा में विरोध प्रदर्शन किया गया।